भगदड़ के बाद शुरू हुआ अखाड़ों का अमृत स्नान, साधु-संत लगा रहे पवित्र डुबकी

प्रयागराज। मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद अब स्थिति सामान्य हो चली है और साधु संत शाही स्नान कर रहे हैं। यह दूसरा अमृत स्नान है। भगदड़ के बाद जूना अखाड़ा, जगद्गुरु रामभद्राचार्य समेत कई महामंडलेश्वरों ने अपने रथ वापस लौटा दिए। छोटे-छोटे जत्थे में कई साधु-संत अपने इष्टदेव के साथ सांकेतिक रूप में संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। बता दें कि संगम मे डुबकी लगाने के लिए कुछ संत गाड़ियों में भी सवार होकर तट पर पहुंच रहे हैं।

जानकारी के अनुसार कुंभ में हुए हादसे के बाद अब स्थिति सामान्य हो गई है और साधु-संतों ने संगम में डुबकी लगाना शुरू कर दिया है। कुछ संत गाड़ियों में भी सवार होकर संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए RAF और पुलिस के जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया हैं।

बता दें कि कुछ अखाड़ों के साधु-संत संगम में अमृत स्नान के लिए अपने शिविर से निकले थे और इस दौरान कुंभ में हालात बिगड़ गए। अब हादसे के बाद प्रशासन ने तुरंत अखाड़ों से अपील की थी कि वह स्नान के लिए न जाएं। इसके बाद अखाड़े के साधु-संत अपने शिविर वापस लौट गए। शिविर पहुंचकर साधु-संतों ने बैठक की। पहले तय किया कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर शाही स्नान नहीं करेंगे, परंतु अब संगम में फिर से आस्था की डुबकी लगाई जा रही है।

बता दें कि कुंभ में अब हालात काबू में हैं और सीएम ने सभी अखाड़ों से इस बारे में बात की। सीएम के साथ बातचीत के बाद सभी संत अमृत स्नान के लिए राजी हो गए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि ‘हम अपने देवता के साथ सांकेतिक रुप में अमृत स्नान करेंगे। आज कुंभ में जो हादसा हुआ उसको मध्यनजर रखते हुए कोई बड़ा जुलूस नहीं निकाला जाएगा। वहीं भाजपा सांसद हेमा मालिनी, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर संगम में डुबकी लगा चुके हैं। दोपहर 12 बजे तक 4.24 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई।

जानकारी के अनुसार महाकुंभ मेले और प्रयागराज शहर में इस समय करीब 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद हैं। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है और कोशिश की जी रही है कि आसपास के घाटों पर स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं को वापस किया जाए। बता दें कि 28 जनवरी तक 20 करोड़ लोगों ने महाकुंभ के संगम में डुबकी लगा ली है। महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम पर दूसरे अमृत स्नान पर एक साधु ने बताया कि इस पवित्र अवसर पर सभी को गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगानी चाहिए। कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं, जिसके कारण अव्यवस्था फैली है।

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के बाद पंचायती निरंजनी अखाड़े के दिगंबर नागा बाबा चिदानंद पुरी ने कहा, आज एक अप्रत्याशित घटना के कारण हमारी (अखाड़ों की) शोभा यात्रा नहीं निकाली जा सकी। अब हम कम संख्या में पवित्र डुबकी लगाने आ रहे हैं। वहीं दूसरे अमृत स्नान पर एक साधु ने कहा, इस पवित्र अवसर पर सभी को गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगानी चाहिए। कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं, जिसके कारण अव्यवस्था फैली।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top